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Global Capacity Centres — परिभाषा, भारतीय क्षमता और AI युग में विकास

AI generated cartoon of an Indian IT office

Image Source : AI-generated

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) क्या हैं, उनकी उद्योगीय भूमिकाएँ, भारत में स्थापित क्षमता, प्रमुख कंपनियाँ और AI के समय में उनकी तेज़ी — जानिये इनके बारे में विस्तार में!

परिभाषा एवं भूमिका

Global Capacity Centres (GCCs) अथवा Global IN-house Centres (GICs) वे केंद्र हैं जिन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ (multinational companies) वैश्विक रणनीतिक कार्यों (global strategic work) के लिए अपने वैश्विक नेटवर्क में स्थापित करती हैं। इनमें शामिल हैं

  • अनुसंधान एवं उत्पाद विकास (research & product development)
  • डेटा साइंस  (data science) एवं उन्नत वैश्लेषिकी (advanced analytics)    
  • वित्तीय मुद्दे (finance)
  • सांगणिक सुरक्षा (cyber security)

दो दशक पहले जैसे यह सिर्फ़ सस्ते आउटसोर्सिंग हब नहीं रहे; आज ये कंपनियों के लिए “capability arbitrage” यानी उच्च-मूल्य कौशल और नवाचार (innovation) के केंद्र बन गए हैं।

भारतीय परिदृश्य और स्थापित क्षमता

भारत में GCCs का विस्तार तीव्रता से हो रहा है, NASSCOM और औद्योगिक रिपोर्टों के अनुसार कुछ आंकड़े यहाँ दिए गए हैं —

संख्या

भारत में 1,700–1,900 के आसपास GCCs हैं

कर्मचारी

लगभग 19 लाख‌ लोगों को रोजगार

राजस्व‌

  • FY2024: 64.6 billion अमेरिकी डॉलर
  • FY2030: $110-151 billion अमेरिकी डॉलर (अनुमानित‌)

प्रमुख वैश्विक व भारतीय कंपनियाँ

  1. तकनीकी और वित्तीय बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में सक्रिय GCCs चला रहे हैं, जैसे Microsoft, Amazon, Google, JPMorgan, Goldman Sachs, और‌ Accenture।
  2. इनके साथ-साथ भारतीय आईटी दिग्गज जैसे TCS, Infosys, Wipro और Cognizant के वैश्विक-संचालन (global operations) भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  3. ये hubs उत्पाद-इंजीनियरिंग (production engineering), क्लाउड सेवाएँ (cloud services), AI/ML लैब्स और वित्तीय संचालन‌ (financial operations) के लिए केंद्रित हैं।

भारत की केंद्रीयता

इस सेक्टर को आने वाले वर्षों में और भी गति मिलने के कारण हैं

राज्यों और केंद्र सरकार द्वारा नीतिगत प्रोत्साहनजैसे महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के GCC स्थापित करने के लिए tax incentives, रियायती भूमि पार्सल इत्यादि
टियर-2/3 शहरों में विस्तारजैसे चंडीगढ़, अहमदाबाद, कोयंबटूर, कोच्चि, त्रिवेंद्रम, मैसूर, विशाखापत्तनम, नागपुर और जयपुर
विदेशी कंपनियों के निवेश-उन्मुख कदम : विश्व के सबसे बड़ी 2000 क‍पनियों मे‍ से 460 (23%) ने भारत में GCC स्थापित की हैं
बढ़ती कौशल‌ पहलकदमी (skilling inititives)2030 तक भारतीय युवक को 28 लाख नौकरियाँ उपलब्ध होंगी
वैश्विक वीज़ा-नीतियों के परिवर्तनउदाहरण के लिए, अमेरिकि H1B वीज़ा पर एक लाख डॉलर का शुल्क लगने से offshoring का महत्व और संभावना बढ़ सक‌ता है

AI के समय में संभावनाएँ

रचनात्मक‌ AI (generative AI), बड़ी-भाषा मॉडल (large language models) और स्वचालन (automation) के व्यापक प्रसार ने GCCs को IT strategy में और भी अधिक केंद्रीय‌ (central) बना दिया है। भारत में AI एवं data science जाननेवाले युवकों की संख्या बढ़ती जा रही है; रिपोर्टें बताती हैं कि भारत के GCCs का ध्यान‌ अब AI product-building, model ops और AI ethics जैसी उच्च-मूल्य सेवाएँ की ओर केंद्रित हो रहा है।

निष्कर्ष

GCCs अब केवल लागत-सहेजने वाले केंद्र (cost-saving centres) नहीं; ये वैश्विक नवाचार (global innovation) और उत्पाद विकास (product development) के केंद्र बनते जा रहे हैं। भारत की skill pool, नीति समर्थन‌ (policy support) और AI-उन्मुखी क्षमताएँ मिलकर आने वाले दशकों में इस उद्योग को चार चाँद लगा सकतीं हैं — रोजगार, निवेश और तकनीकी नेतृत्व के लिहाज़ से।

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