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Economics of Electric Trucks: भारत और वैश्विक रुझान

Electric trucks in Germany

Image Source : https://www.linkedin.com/pulse/catenary-trucks-german-roads-nikolai-ardey/

Montra Electric के वेल्लय्यन सुब्बैया ने बयान दिया है कि २ ही साल में भार्त में e-trucks प्रचलित हो जाएँगे। देखते हैं यह किस हद तक संभव है।

जहाँ विश्वभर में logistics, परिवहन और सामान वितरण की मांग लगातार बढ़ रही है, वहीं electric trucks का पर्यावरणीय और आर्थिक महत्व तेज़ी से उभर रहा है। इस लेख में हम वैश्विक और भारतीय रुझानों की तुलना करेंगे।

वैश्विक रुझान और आर्थिक गणना

Market Trends

  • 2024 में विश्व‌भर में मध्य और भारी श्रेणी के electric trucks की बिक्री 90,000 यूनिट्स से अधिक हुई — यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 80% की वृद्धि है। 
  • वैश्विक e-truck market का मूल्य 2023 में लगभग USD 22.61 बिलियन था, जो 2030 तक USD 124.97 बिलियन तक बढ़ने का अनुमान है। 
    विश्व में electric trucks का भाग अभी भी छोटा है, लेकिन यह तेज़ी से बढ़ रहा है।

Regional Trends

  • चीन‌ ने इस trend में लगभग 80% हिस्सेदारी ली है। 
  • यूरोप में छोटे और मध्यम श्रेणी के trucks विद्युत संचालित‌ हो रहे हैं, लेकिन 30+ टन श्रेणी में electric trucks अभी सिर्फ pilot परियोजनाओं में उपयोग में हैं।
  • जर्मनी ने एक अभिनव दृष्टिकोण अपनाया है — हाईवे पर बिजली के तार के द्वारा electric trucks (catenary trucks) चलते हुए ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।  इस तरह के सिस्टम में ट्रक को निरंतर विद्युत शक्ति मिल सकती है, जिससे बड़े बैटरियों का भार कम हो सकता है।

Growth Factors

  • बैटरी लागत में कमी
  • उत्सर्जन विनियम, और
  • charging infrasructure का तेज़ी से विस्तार

भारत में स्थिति और चूनौतियाँ

भारत में आज तक electric trucks का व्यापक अपनाना नहीं हुआ है, वे मुख्यतः pilot चरण में हैं। आर्थिक रूप से Total Cost of Ownership (TCO) एक प्रमुख बाधा है। निम्नलिखित कारक तय करते हैं कि eletric trucks diesel trucks की तुलना में प्रतिस्पर्धी बन पाएं—

  1. चालू बैटरी लागत
  2. charging infrastructure
  3. stretch range और
  4. payload सीमा

Montra Electric के उपाध्यक्ष Vellayan Subbiah का अनुमान है कि अगले 2 वर्षों में भारत में बड़े पैमाने पर e-truck अपनाना शुरू हो जाएगा, और 10 ही वर्ष में भारत में 70% ट्रक बिजली पर चलने लगेंगे। हालांकि यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, भारत में PM E-DRIVE योजना के तहत ₹10,900 करोlड़ आवंटन किया गया है ताकि electric vehicles अपनाने को बढ़ावा दिया जा सके, जिसमें commercial vehicles भी शामिल हैं। इस लक्ष्य को साकार करने के लिए मजबूत नीति समर्थन, financial incentives, charging network विस्तार और local manufacturing ज़रूरी होंगे।

Comparative Economics: वैश्विक बनाम भारतीय आकर्षण

वैश्विक स्तर

बैटरी लागत में गिरावट और स्केल-इफेक्ट से TCO तेज़ी से कम हो रही है।

चीन

कुछ उपयोग मामलों (use cases) में TCO पहले ही diesel से बेहतर हो गया है। 

भारत

अभी वह पड़ाव‌ नहीं आया है — बिजली दर, बैटरी आयु, चार्जिंग उपलब्धता, नेटवर्क इत्यादि कारक बाधाएं हैं।

जर्मनी

catenary systems जैसे hybrid model अपनाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

  1. इलेक्ट्रिक ट्रकों का भविष्य उज्ज्वल है, लेकिन व्यापक अपनाने के लिए नियम, निवेश, नीति समर्थन और तकनीकी नवाचार सभी का असर कारक होगा।
  2. भारत को वैश्विक ट्रेंड को पकड़ने के लिए नीतिगत स्थिरता, charging network विस्तार, स्थानीय विनिर्माण और उत्पादन क्षमताएँ बढ़ानी होंगी।
  3. Cateary systems को देश की EV trucking रणनीति में जगह दी जा सकती है, क्योंकि वे भारत जैसे बड़े भूखंड‌ में लंबी दूरी और भारी वज़न उठानेवाले trucks को अधिक कुशल और लागत-प्रभावी बना सकती है।

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