डिजिटल पेमेंट के ज़माने में पेमेंट फ्रॉड (Payment Fraud) नए-नए रूप ले रहा है। जैसे ही UPI, mobile wallet, net banking और card payments में तेज़ी से बढ़ौती हो रही है, उसी समय phishing, social engineering, voice phishing (vishing) और फर्जी ‘collect request’ जैसे तरीकों से करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। भारत की साइबर-जानकारी एजेंसियाँ और भार्तीय राष्ट्रीय पेमेंट कॉर्पोरेशन (NPCI) के नेतृत्व में payment ecosystem अब इन खतरों के विरुद्ध सक्रिय नीतियाँ ला रहे हैं।
Payment Fraud की आम विधियाँ
phishing/URL-spoofing | नकली लिंक देकर लॉगिन/OTP चुराना |
social engineering | कॉल या WhatsApp पर भरोसा दिलाकर पैसे मंगवाना |
screen share/remote access | के ज़रिये आपके बैंक अकाउंट पर कबज़ा करना |
NPCI के अनुमान में इनमें से कई मामलों में धोखाधड़ी असल में ‘pull payment’ या ‘collect request’ के ज़रिये तेज़ी से अंजाम दी जाती है।
सरकारी और इंडस्ट्री उपाय
NPCI ने realtime Fraud Risk Management और UPI Circular जारी किए हैं ताकि ऐप्स और बैंक मिलकर धोखाधड़ी पर नज़र रख सकें और auto-rejection/chargeback policy सशक्त की जा सके। CERT-IN जैसी एजेंसियाँ phishing और AI-आधारित graded हमलों पर सलाह दे रही हैं। RBI भी digital authentication पर risk-based framework ला रहा है और बैंकों की जवाबदेही तय कर रहा है। इससे ग्राहकों के लिए मुआवज़ा-प्रक्रिया स्पष्ट हुई है।
नवीन नीतिगत कदम
- NPCI ने P2P ‘collect requests’ पर कड़ी निगरानी और रोक लगाने की घोषणाएँ की हैं ताकि ‘pull payment’ के दुरुपयोग से रोक लगे।
- इसके साथ-साथ बैंकों और payment apps (जैसे GPay, PhonePe, PayTM, BHIM इत्यादि) को धोखाधड़ी पकड़ने के साधन (fraud detection tools) लागू करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। ग्राहक-शिक्षा (fraud awareness) और त्वरित शिकायत निवारण को भी प्राथमिकता दी गई है। इसमें महामनी आपका साथी है।
ग्राहक होकर आप क्या कर सकते हैं
इन उपाय (practical tips) के प्रयोग से आप payment fraud से सुरक्षित रह सकते हैं
- किसी को OTP/UPI-PIN कदी न बतायें
- अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें
- Screen share तभी करें जब आप पूरी तरह भरोसा करते हों (और कोई अज्ञात app को download न करें)
- संदिग्ध लेनदेन की तुरंत शिकायत अपने बैंक/PSP और NPCI/RBI के माध्यम से दर्ज कराएँ।
- NPCI के UPI विवाद निवारण तंत्र (dispute redressal mechanism) का प्रयोग करें।
निष्कर्ष
- Digital भुगतान सुरक्षित तभी रहेगा जब technology, नियमन (regulation) और उपयोगकर्ता जागरूकता (user awareness) का सहयोग बना रहता है।
- NPCI, RBI और CERT-IN जैसे संस्थानों के नवीन उपाय का असर हो रहा है, पर वास्तविक सफलता तभी मिलेगी जब हम जैसे उपयोगकर्ता सतर्क रहें और बैंक/payment apps उन्नत fraud detection साधन अपनाएँ।
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