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Credit Card EMIs: फायदे, नुकसान और भारतीय बैंकों की रणनीतियाँ

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Image Source : MahaMoney

जानिए इस लेख में क्रेडिट कार्ड किस्तों में भुगतान (EMI) के फायदे और नुकसान। और जानिए बड़े भारतीय बैंक इसे कैसे प्रमोट करते हैं और ग्राहक को किन बातों से सतर्क रहना चाहिए।

आज लगभग सभी प्रमुख भारतीय बैंक जैसे State Bank of India (SBI), HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank, और अंतरराष्ट्रीय कार्ड कंपनियाँ जैसे American Express ग्राहकों को यह सुविधा देती हैं कि वे अपने बड़े-बड़े खर्चों को एकमुश्त चुकाने के बजाय किस्तों (EMI) में बाँटकर भुगतान करें।

पर क्या यह विकल्प सुविधा का एक रूप है, या फिर कर्ज़‌ का जाल जिसमें से बाहर निकलना कठिन हो जाता है? दॆखते हैं इस लेख में क्रेडिट कार्ड किस्तों में भुगतान करने के फायदे और नुकसान।

फायदे (Merits)

सुविधा और नकदी प्रबंधन

यदि आपपर‌ अचानक कोई बड़ा खर्च आ जाए, जैसे कि परिवार के किसी सदस्य का अस्पताल में भर्ती होना, तो EMI विकल्प उस खर्च को किस्तों में बाँटकर आसान बना देता है।

बजट अनुशासन

छोटे-छोटे मासिक भुगतान से घरेलू बजट पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता।

तुरंत खरीदारी का विकल्प

उपभोक्ता महंगे gadgets, यात्रा package, या घरेलू उपकरण तुरंत खरीद सकते हैं और बाद में धीरे-धीरे भुगतान कर सकते हैं। इसका यह फायदा है कि बैंक से निजी ऋण (personal loan) लेने की कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ती।

प्रमोशनल ऑफर

कई बार बैंक और ई-कॉमर्स कंपनियाँ "No cost EMI" का प्रचार करती हैं, जिससे आप‌ को लग सक‌ता है कि आप‌ बिना अतिरिक्त खर्च किए सामान खरीद रहे हैं।

नुकसान (Demerits)

छुपी हुई ब्याज दरें

"No cost EMI" अक्सर भ्रामक होती है, क्योंकि वास्तविकता में ब्याज दर उत्पाद की कीमत में पहले ही जोड़ा गया होता है।

दीर्घकालीन‌ कर्ज़‌

किस्तों का लंबा चक्र ग्राहकों को लंबे समय तक कर्ज़‌ में बांध सकता है।

अतिरिक्त शुल्क

Processing fees, GST, और pre-closure charge जैसे छुपे हुए खर्चे जुड़ जाते हैं।

Credit score पर असर

किस्तों का भुगतान समय पर न करने पर CIBIL स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है।

भारतीय banks अकसर “Pay in Easy Monthly Installments”, “Smart EMI”, "आर्थिक स्वतंत्रता", "Split your Bills" जैसे विज्ञापन‌ चलाता है, जिसमें वे बड़ी खरीदारियों को तुरंत करने का प्रोत्साहन करते है‍। लेकिन वे EMI विकल्प को प्रमोट करते समय हमेशा सुविधा (convenience) पर ज़ोर देते हैं और ब्याज दरों (interest rates) को छोटे अक्षरों में छिपाते हैं।

आप‌को किन बातों से सतर्क रहना चाहिए

  1. EMI में बदलने से पहले ब्याज दर और सभी छुपे हुए शुल्क अवश्य पढ़ें।
  2. यदि संभव हो तो एकमुश्त भुगतान (lumpsum payment) ही करें, क्योंकि EMI विकल्प अक्सर महंगा साबित होता है।
  3. बैंक द्वारा दिए गए “No cost EMI” ऑफर के पीछे छिपे गणित को समझें।
  4. लंबे समय तक EMI पर निर्भर रहने से बचें, क्योंकि यह ऋण‌ की आदत डाल सकता है।

निष्कर्ष

क्रेडिट कार्ड EMI ग्राहकों के लिए एक ऐसा विकल्प है जो ज़रूरत के समय सुविधाजनक हो सकता है, लेकिन इसमें छुपे हुए खतरे भी हैं। Banks इसे आकर्षक ऑफर और आसान शब्दों में प्रस्तुत करते हैं, जबकि असली लागत अक्सर ऊँची होती है। इसलिए आप‌को चाहिए कि आप‌ EMI विकल्प चुनने से पहले ब्याज दर, शुल्क, और अपनी भुगतान क्षमता का गहरा विश्लेषण करें।

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