हाल ही में भारत सरकार ने नया अभियान शुरू किया है, "आपकी पूँजी, आपका अधिकार"। इसी समय सुप्रीम कोर्ट में दायर एक PIL ने देश में पड़े अनधियाचित वित्तीय परिसंपत्तियों (unclaimed financial assets) पर नई चर्चा छेड़ दी है। Unclaimed राशि आपके किसी परिवार सदस्य की बचत है — इसलिए सरकारी मुहिम और न्यायालयी ध्यान से ये पैसे सही मालिकों को लौटाने के उपाय हैं।
वित्त मंत्रालय ने बताया है कि banks, बीमा कंपनियों, mutual funds, PF/pension व shares में लाखों करोड़ों रुपये लावारिस पड़े हैं — और इन्हें छाँटकर सही धारक को लौटाने के उपाय शुरू किए जा रहे हैं। क्या अप भी एक दावेदार हो सकते हैं?
प्रकार
सबसे पहले समझ लेते हैं कि अनधियाचित परिसंपत्तियाँ (unclaimed assets) किस प्रकार की होती हैं —
- निष्क्रिय (inoperative) bank खाते
- लावारिस जमा-राशि
- बीमा का परित्यक (maturity) दावा
- Mutual funds के unredeemed units/dividends, और
- Reserve shares/dividends जो वर्षों तक दावे में नहीं आए।
कुछ मामलों में कंपनियाँ या Regulatory bodies इन्हें नियत अवधि (fixed period) के बाद IEPF (Investor Education & Protection Fund Authority) में transfer कर देती हैं।
अपना दावा हैसे दर्ज करें
अनुकूल पोर्टल पर जाएँ |
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दस्तावेज तैयार रखें | KYC, पहचान पत्र (जैसे PAN, आधार), उत्तराधिकार प्रमाण (death certificate, succession certificate) और बैंक स्टेटमेंट अक्सर जरूरी होते हैं। |
निष्कर्ष
अपनी वित्तीय-हिस्सेदारी को नियमित रूप से चेक करें — UDGAM और IEPFA जैसी साइटें शुरुआती कदम हैं। अगर आप या आपके परिवार के सदस्य किसी निवेश/deposit के भुगतान से अनजान हैं, तो अब online खोज कर दावा करना सबसे प्रभावी रास्ता है।
प्रक्रियाओं को सरल बनाना आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट और नियामक इससे जुड़े तंत्र (RBI/SEBI/IRDAI/IEPFA) को जवाबदेह बनाने की दिशा में देख रहे हैं।
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