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SEBI पंजीकृत निवेश सलाहकार बनने के लिए एक गाइड!

money plant in a handपंजीकृत निवेश सलाहकार

Image Source : pixabay

यहाँ पढ़ें, SEBI पंजीकृत निवेश सलाहकार बनने के लिए एक गाइड!

वित्तीय बाजारों के गतिशील परिदृश्य में, निवेश निर्णयों की जटिलताओं के माध्यम से निवेशकों का मार्गदर्शन करने में SEBI registered निवेश सलाहकार की भूमिका महत्वपूर्ण है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने registered निवेश सलाहकार बनने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए विशिष्ट दिशानिर्देश और आवश्यकताएं निर्धारित की हैं। यह लेख SEBI registered निवेश सलाहकार बनने की प्रक्रिया में शामिल प्रमुख चरणों और विचारों की रूपरेखा देता है।

मुख्य Eligibility Criteria:

1. Educational Qualifications: इच्छुक निवेश सलाहकारों के पास finance, accountancy, व्यवसाय प्रबंधन, अर्थशास्त्र या संबंधित क्षेत्रों में professional qualification होनी चाहिए। finance में स्नातकोत्तर डिग्री या डिप्लोमा किसी की साख को बढ़ा सकता है।

2. अनुभव आवश्यकताएँ: SEBI वित्तीय सेवा उद्योग में न्यूनतम पाँच वर्ष का अनुभव अनिवार्य करता है। उम्मीदवारों के पास फंड प्रबंधन, पोर्टफोलियो प्रबंधन, निवेश सलाहकार या संबंधित क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में background होनाचाहिए।

3. Certification: Relevant certifications प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण कदम है। SEBI चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट, सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर, या नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स द्वारा अनुमोदित किसी अन्य प्रमाणन जैसे प्रमाणपत्रों को मान्यता देता है।

पंजीकरण की प्रक्रिया:

1. आवेदन जमा करना: पहला कदम ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से SEBI को आवेदन जमा करना है। आवेदन में educational qualifications, professional experience और प्रमाणपत्र से संबंधित विवरण शामिल होना चाहिए।

2. परीक्षा: SEBI को उम्मीदवारों को NISM-Series -एक्स-ए: निवेश सलाहकार (स्तर 1) परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता है। यह परीक्षा प्रतिभूति बाजारों, विनियमों और नैतिक प्रथाओं के बारे में उम्मीदवार के ज्ञान का मूल्यांकन करती है।

3. Net Worth की आवश्यकता: निवेश सलाहकारों को SEBI द्वारा निर्दिष्ट minimum net worth की आवश्यकता को पूरा करना होगा। यह net worth न्यूनतम पूंजी आधार के रूप में या पेशेवर क्षतिपूर्ति बीमा के माध्यम से हो सकता है।

4. SEBI दिशानिर्देशों का अनुपालन: SEBI की आचार संहिता और अन्य दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें। इसमें transparency बनाए रखना, हितों के टकराव से बचना और ethical business प्रथाओं का पालन करना शामिल है।