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Relationship Managers — कौन हैं, ज़िम्मेदारियाँ, और व्यापार वृद्धि में भूमिका

customer on a video call with relationship manager

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जानिए रिलेशनशिप मैनेजर कौन होते हैं, उनकी ज़िम्मेदारियाँ क्या हैं, उनसे कैसे संवाद करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखें — वित्तीय संस्थानों में उनकी भूमिका और शोध आधारित साक्ष्य सहित।

रिलेशनशिप मैनेजर कौन होते हैं?

  • रिलेशनशिप मैनेजर (Relationship Manager या RM) एक पेशेवर होते हैं, जो किसी संगठन और उसके ग्राहकों या साझेदारों के बीच मज़बूत‌ और दीर्घकालीन संबंध स्थापित रखते हैं।
  • उनका काम सिर्फ लेनदेन करना नहीं, बल्कि यह समझना है कि ग्राहक की ज़रूरतें क्या हैं, उन्हें उचित समाधान देना, जोखिम प्रबंधन करना, और ग्राहक की वफादारी (customer loyalty) बनाए रखना।
  • बैंकिंग और वित्तीय जगत में, वे विशेष रूप से उच्च निवल मूल्य व्यक्ति (high net worth individual) ग्राहकों का ख्याल रखते हैं और उनके जटिल से जटिल‌ वित्तीय ज़रूरतों का संधारण एवं समाधान करते हैं।

मुख्य ज़िम्मेदारियाँ और कार्य

RM की ज़िम्मेदारियाँ बहुआयामी (multifunctional) होती हैं।

ग्राहक आवश्यकताओं की पहचानग्राहक की वित्तीय स्थिति, लक्ष्य, जोखिम झुकाव (risk inclination) और अपेक्षाएँ समझना।

उचित वित्तीय समाधान देना

 बैंक के प्रोडक्ट्स (ऋण, जमा, निवेश, कैश मैनेजमेंट आदि) में से ग्राहक के लिए सर्वोत्तम विकल्प बताना।
समस्या समाधान एवं शिकायत निवारणग्राहक की शिकायतों या प्रश्नों को अन्य विभागों से समन्वय कर हल करना।
नए ग्राहक एवं अवसर पहचाननानए संभावित ग्राहकों को जोड़ना या मौजूदा ग्राहकों को अन्य सेवाएँ व उत्पादों के लिए प्रेरित करना (cross-selling / up-selling)।
पोर्टफोलियो प्रबंधन (portfolio management) और समीक्षाग्राहक पोर्टफोलियो पर नियमित समीक्षा (regular monitoring) करना, प्रदर्शन मापना (performance mapping) और आवश्यक समायोजन करना।
आंतरिक समन्वय (internal coordination)बैंक के अन्य विभाग जैसे क्रेडिट, रिस्क, कानूनी, asset management इत्यादि से तालमेल रखना
निरंतर शिक्षा और बाज़ार जाननावित्तीय बाज़ारों, नए उत्पादों, और नियामक परिवर्तनों पर अपडेट रहना

कैसे शुरू हुआ यह किरदार?

Relationship management की अवधारणा ग्राहक-केंद्रित व्यावसायिक रणनीति के उभरने के साथ विकसित हुई। पारंपरिक banking एवं वित्तीय model जहाँ लेनदेन-प्रधान थे, वहीं जैसे-जैसे प्रतिस्पर्धा बढ़ी और ग्राहक अपेक्षाएँ बढ़ीं, संस्थानों ने यह समझा कि ग्राहकों के साथ व्यक्तिगत और दीर्घकालीन संबंध बनाना ज़रूरी है।

इस बदलाव ने RM की भूमिका को जन्म दी, जो सिर्फ बिक्री नहीं बल्कि ग्राहक संबंध की गहराई को संभाले। आधुनिक banking में, तकनीकी विकास और CRM (Customer Relationship Management) प्रणालियों के प्रसार ने इस भूमिका को और विकसित किया।

ग्राहक के दृष्टिकोण

RM आपका मददगार है, और एक प्रशिक्षित पेशेवर (trained professional) भी। हालांकि वह आपके जटिल से जटिल समस्याओं को सुलझाने में सहयोग देते हैं, ग्राहक होने के नाते आप पर भी शिष्टाचार की आपेक्षाएँ हैँ, और कुछ सीमाएँ जिनका उल्लंघन अव्यवसायिक (unprofessional) माना जाता है।

संवाद की शिष्टता (Etiquette)

सीमाएँ (Red Lines)

सम्मान और विनम्रता: हमेशा “आप”, “कृपया” आदि शब्दों का प्रयोग करें।

तैयारी और स्पष्टता के साथ संवाद: मीटिंग से पहले अपनी ज़रूरतों, प्रश्नों, अपेक्षाओं, वित्तीय चिंताओं को स्पष्ट‌ करें, ताकि बातचीत प्रभावी हो।

समय की पाबंदी: निश्चित‌ समय पर मीटिंग करें, या यदि बदलाव हो तो पहले सूचना दें।

प्रतिक्रिया देना और फॉलो-अप: अगर RM ने कुछ वादा किया हो, तो याद दिलाना ठीक है, लेकिन लगातार दबाव बनाना अनुचित।

गलत, भ्रामक जानकारी देना: यदि आप जानकर गलत जानकारी देते हैं, यह भरोसा तोड़ सकता है, और RM आपकी सही मदद नहीं कर सकेंगे।

गोपनीयता का उल्लंघन: RM से किसी अन्य ग्राहक की जानकारी माँगना या साझा करना गलत है।

अक्सर समयबद्धता तोड़ना: लगातार मीटिंग रद्द करना या देर करना विश्वास घटा सकता है।

सार्वजनिक आरोप-प्रत्यारोप: यदि किसी समस्या पर असहमति हो, सार्वजनिक तौर पर या बेहिचक आरोप न लगाएँ — व्यक्तिगत और संयत तरीके से बात करें।

RMs का वित्तीय संस्थानों पर प्रभाव‌

कई अध्ययन और शोध इस बात का समर्थन करते हैं कि RMs और संबंध-उन्मुख रणनीतियों (relationship-oriented strategies) ने banking और वित्तीय संस्थानों के लिए लाभदायक वृद्धि संभव की है:

  1. एक शोध “The Role of Relationship Marketing in Banking Sector Growth” ने यह पाया कि रिलेशनशिप मार्केटिंग रणनीतियाँ ग्राहक वफादारी को बढ़ाती हैं, विश्वास और संतुष्टि बढ़ाकर बैंक की वृद्धि में योगदान करती हैं।
  2. एक अन्य अध्ययन ने यह दिखाया कि छोटी एवं मध्यम उद्यम (SME) क्षेत्र में बैंक-फर्म मानव संबंध (bank-firm human relations), अधिक संपर्क और व्यक्तिगत संबंध सुधार से लाभ पहुंचाते हैं।
  3. Banking क्षेत्र में, McKinsey के अनुसार, यदि RMs की उत्पादकता (productivity) बढ़ाई जाए तो प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (assets under management) वर्ष दर वर्ष ~12% की वृद्धि देख सकते हैं।
  4. BCG की रिपोर्ट बताती है कि सफल संस्थाएँ जो डेटा और मानवीय कार्यशैली का संयोजन करती हैं, वे RMs को “client whisperers” बना सकती हैं, जिससे ग्राहक अनुभव बेहतर होता है और कारोबार बढ़ता है।

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