वर्तमान में "Gold Prices All Time High" ऐसी सुर्खियों भारत और विश्व भर के मीडिया में दिख रहीं हैं। सोने को safe-haven asset माना जाता है। जब भी निवेशकों को stock markets में अस्थिरता (volatility) की चिंता रहती है, या वैश्विक स्तर पर आर्थिक चिँताएँ उभर उथती हैं, तो लोग सोने की खरिदी को उचित समझते हैं। आजकल में व्यापर युद्ध (trade wars) एवं जगह जगह में सैन्य युद्ध के होते, भूराजनीतिक अनिश्चितता (geopolitical uncertainty) फैली हुई है, जिस कारण सोने की माँग तीव्र हो गई है।
लेकिन यह रुझान retail buyers in India के लिए एक चुनौती लेकर आया है, क्योंकि भारत में सोने की खरीदारी रोज़मर्रा ज़िन्दगी क मुख्य हिस्सा है, और वह भी जब विवाह ऋतु (wedding season) आ रही है।
Global Trend: क्यों बढ़ रहा है सोने का भाव?
विश्व स्तर पर spot gold (अर्थात जब commodity traders तत्काल खरीदारी और डेलिवरी करते हैं) ने नए उच्च स्तर छुए हैं — अंतर्राष्ट्रीय ट्रेडिंग में आज spot gold की कीमत अमेरिकी $1246.3 प्रति 10 ग्राम है। विश्लेषकों द्वारा इस बढ़ोतरी में मुख्य भूमिका बताए जा रहे हैं —
डॉलर की कमजोरी | अमेरिकी Treasury Bond भी सोने जैसा safe haven माना जाता है। लेकिन पिछले साल में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों की चिंताएँ बढ़ रहीं हैं। इस कारण अमेरिकी treasury bonds की माँग कम हो रही है, और जो धन उनमें निवेश किया जाता था, वह सोने की ओर मुड़ रहा है। |
संभावित Fed rate cuts | यह संभावना बढ़ रही है की आमेरिकी Federal Reserve, जो ऊसा का केंद्रीय बैंक है, मुख्य ब्याज दर (interest rate) में कटौती लाए, जिससे सोने की तुलना में अमेरिका में निवेश करना कम आकर्षक हो जाएगा। |
भूराजनीतिक तनाव | रूस का युक्रेन पर चल रहा आक्रमण, गाज़ा में इज़्राइल द्वारा हमले, ऑपरेशन सिंदूर, चीन और ताइवान के बीच तनाव इत्यादी भूराजनीतिक अनिश्चितता के करण राष्ट्रीय मुद्रा (national currencies) या वित्तीय साधनों (financial instruments) पर भरोसा कम होते जा रहा है। |
केंद्रीय बैंकों द्वारा ख़रीदारी | बहुत देशों के केंद्रीय बैंक, जो मौद्रिक भंडार (monetary reserves) अमेरिकी treasury bonds में निवेश करते थे, विविधीकरण के लिए अब अन्य देशों की मुद्रा एवं सोने में हस्तांतरण (transfer) कर रहे हैं। क्योंकि इनकी सोने की खरीदी टनों की तादाद में होती है, सोने के दाम गगनचुंबी हो गाए हैं। |
भारत में रुझान और माँग का दबाव
भारत में सोने का रीटेल प्राइस ₹1,20,000 प्रति 10 ग्राम पार कर चुका है, और विशेषज्ञों की राय में ऊपर की ही ओर बढ़ता दिख रहा है। त्योहारों और शादियों के कारण festival demand ने सोने (और उसके साथ चांदी) के माँग को और भी बढ़ाया है। बैंकों और ज्वैलर्स द्वारा सोने का आयात भी दोगुना हुआ है — और उन से आम ग्राहक खरिदते हैं।
साथ ही, discount narrowing की स्थिति सामने आई है — यानी खरीदारों को अब कम छूट मिल रही है।
क्या रिटेल खरीदार अब खरीदें या इंतजार करें?
यदि आप retail gold investor हैं, तो इस समय खरीदने की सोच सावधानी के साथ करनी चाहिए।
लघुकालीन जोखिम | बाजार में अति-उच्च स्तर पर प्रवेश करना जोखिम हो सकता है — क्योंकि price correction (अर्थात भाव में गिरावट) की संभावना बनी रहती है। |
दीर्घकालीन वृद्धि |
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निवेश नीति |
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निष्कर्ष
भारत और वैश्विक स्तर पर सोने के ऊँचे भाव ने एक नये निवेश विवाद को जन्म दिया है। रिटेल खरीदारों को समझदारी के साथ कदम उठाना चाहिए — बहुत ऊँचे स्तर पर प्रवेश करने से पहले गिरावट का इंतजार करना बेहतर हो सकता है। लेकिन यदि आपका निवेश उद्देश्य लंबी अवधि का है, तो सोना अब भी एक अहम हिस्से के रूप में आपके पोर्टफोलियो में होना अच्छा है।
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