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IDCW vs Growth Option in Mutual Funds: निवेश के लिए कौन सा है बेहतर चुनाव?

stacks of coins denoting growth

Image Source : MahaMoney

इस लेख में Mutual Funds में IDCW और Growth Option का फर्क, उनके कर निहितार्थ (tax implications) और सही निवेश रणनीति जानें।

आप‌ जब Mutual Funds में निवेश करते हैं, तो आपके सामने दो प्रमुख विकल्प आते हैं – IDCW Option (Income Distribution cum Capital Withdrawal) और Growth Option। दोनों का उद्देश्य आप‌ को लाभ देना है, लेकिन उनकी संरचना, कर निहितार्थ (tax implications) और निवेश के लक्ष्यों में फर्क होता है।

IDCW Option क्या है?

२०२१ तक‌ इसे डिविडेंड ऑप्शन (Dividend Option) कहा जाता था। IDCW Option में जब भी फंड को मुनाफा होता है, AMC (Asset Management Company)  समय-समय पर उसका एक हिस्सा निवेशकों को बांटती है। इसमें दो विकल्प उपलब्ध हैं ‍: भुगतान‌ (payment) अथवा पुनर्निवेश (reinvestment)।

  • भुगतान का विकल्प चुनने पर, डिविडेंड आप‌के खाते में नकद राशि के रूप में सालाना आ जाता है। हालांकि, हर बार वितरण करने पर म्यूचुअल फंड की NAV (Net Asset Value) उसी अनुपात में घट जाती है।
  • आपने पुनर्निवेश (reinvestment) का विकल्प चुना, तो डिविडेंड के रकम से उसी स्कीम में अधिक यूनिट खरीदे जाते हैं

Growth Option क्या है?

Growth Option में फंड अपने सारे मुनाफे को पुनः निवेश कर देता है। इसका मतलब है कि आप‌को तुरंत नकद नहीं मिलता, लेकिन समय के साथ आपके स्कीम के यूनिट्स की NAV बढ़ती जाती है। यह विकल्प दीर्घकालीन धन सृजन (Wealth Creation) के लिए अनुकूल है।

IDCW Option बनाम‌ Growth Option

IDCW Option

Growth Option

कब क्या चुनें?

  • आपको कुछ लघु अवधि लक्ष्य (Short Term Goals) को पूरा करना हो, जैसे विदेश यात्रा या बच्चों की फीस का भुगतान, तो IDCW बेहतर है।
  • निवृत या वरिष्ठ‌ निवेशक जिन्हें नियमित Dividend आय चाहिए, उनके लिए भी यह विकल्प अनुकूल है।
  • यदि आपका उद्देश्य लंबी अवधि का निवेश है और आप पूंजी वृद्धि चाहते हैं, तो Growth Option चुनें। इससे आपको कंपाउंडिंग का भी लाभ मिल‌ता है, क्योंकि आपकी पूंजी बढ़ती रहती है।
  • यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जिन्हें ५–२० साल बाद में बड़ी रकम की ज़रूरत है, जैसे रिटायरमेंट फंड या घर खरीदने की पूंजी।

Tax Implications

IDCW Option में मिलने वाली राशि आपकी आय में जोड़ दी जाती है और आपके टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है। उदाहरणार्थ, यदि आप 30% टैक्स स्लैब में हैं, तो IDCW से प्राप्त रकम पर भी उतना ही कर लागू होता है।

Growth Option में टैक्स केवल तब लगता है जब आप यूनिट्स बेचते हैं।

  • यदि आपने यूनिट्स खरीदने के बाद एक‌ साल होने से पहले बेच दी, तो 15% के हिसाब से Short Term Capital Gains (STCG) टैक्स लागू होता है।
  • यदि आप एक‌ साल के बाद बेचते हैं, ओ आपके मुनाफे पर 10% के हिसाब से Long Term Capital Gains (LTCG) टैक्स लगता है, बशर्ते लाभ ₹ एक‌ लाख से अधिक हो।

निष्कर्ष

कौनसा विकल्प चुनें, यह आपका Investor Choice है। आपको पहले यह निश्चय करना है कि आप नियमित आय चाहते हैं या दीर्घकालिक धन सृजन‌ (Wealth Creation)।

  • यदि आपको मासिक‌ या वार्षिक‌ आय की जरूरत है, तो आपके लिए IDCW Option अनुकूल है।
  • वहीं, अगर आप लंबी अवधि तक प्रतीक्षा कर सकते हैं, और/अथवा टैक्स के लिहाज से अधिक कुशल विकल्प चाहते हैं, तो Growth Option का चयन करें।

अंततः, निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य और टैक्स स्लैब को ध्यान में रखना आवश्यक‌ है।

अस्वीकरण - यह लेख केवल जान्कारी के लिए है, इसे वित्तीय सलाह नहीं माना जा सकता है। सही निवेश‌ निर्णय लेने के लिए किसी योग्य वित्तीय सलाहकार (Qualified Financial Advisor) की मदद अवश्य लें।

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