सेक्शन 54F क्या है?
सेक्शन 54F आयकर अधिनियम की वह धारा है, जिसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) किसी दीर्घकालीन गैर आवासीय पूँजी संपत्ति (long term non residential capital asset) को बेचता है और उस बिक्री की राशि (या उसकी एक हिस्सी) को एक नई आवासीय संपत्ति (residential asset) खरीदने/निर्माण करने में निवेश करता है तो उस दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) पर कर छूट (tax exemption) मिल सकती है।
इस धारा का उद्देश्य यह था कि जिन लोगों ने जीवनभर निवेश के माध्यम से पैसे बचाकर घर लिया था, उन्हें बिना किसी परेशानी के घर खरीदने में मदद हो। यह कानून केवल आर्थिक लाभ के लिए संपत्ति खरीदने और बेचने का प्रोत्साहन नहीं करता।
शर्तें, विकल्प और समयसीमा
- बेची हुई संपत्ति आवासीय संपत्ति नहीं होनी चाहिए, मतलब आप एक मकान बेचकर नए मकान लेने पर इस धारा का उप्योग नहीं कर सकते। इसके लिए आप धारा 54 का उपयोग करें, जो मकान बेचकर नए मकान लेने पर कर छूट दिलाती है।
- कर छूट के दो विकल्प हैं
- या तो आप आवासीय संपत्ती खरीदने के एक साल के भीतर गैर आवासीय संपत्ती बेचें।
- या फिर गैर आवासीय संपत्ती बेचकर 2 वर्ष के भीतर नई आवासीय संपत्ति खरीदें। यदि आवासीय संपत्ती का निर्माण हो रहा हो, तो वह निर्माण 3 वर्ष के भीतर पूरा हो जाना चाहिए।
- बेचने के समय पर आपके पास एक से अधिक आवासीय संपत्ति नहीं होनी चाहिए (सिवाय उस संपत्ति के जो आप 54F के तहत खरीद रहे हों)।
- यदि पूरी राशि निवेश नहीं की जाए, तो छूट अनुपात (proportionate) रूप से दी जाएगी। आप 54F + 54EC के वैध संयोजन से पूरा LTCG कर छूट पा सकते हैं।
- यदि नई संपत्ति 3 वर्ष के भीतर बेची जाए, तो छूट वापस ले ली जाएगी, अर्थात पहले लिए गए लाभ पर कर देना होगा।
- यदि निर्माण समय पर न हो या हो ही ना, तो आवंटन पत्र (allotment letter) की तिथि मान ली जाती है। आपको धारा 54EC के तहत विकल्प है कि आप अपने लाभ को 6 महीने के भीतर सरकार द्वारा स्वीकृत bonds (REC, NHAI आदि) में निवेश करके कर छूट प्राप्त करें, परंतु निवेश सीमा और अवधि जान लें। इसका यह एक लाभ है कि आपको आपके पसंद की आवासीय संपत्ती ढूँढने के लिए थोड़ा और वक़्त मिलता है।
- बजट 2023 से 54F छूट की मात्रा ₹10 करोड़ तक सीमित कर दी गई है।
फायदे
कर बचत | यदि आपने पूरी राशि नए घर में निवेश कर दी, तो गैर आवासीय संपत्ती के विक्रय का पूरा लाभ करमुक्त हो सकता है। |
लचीलापन (flexibility) | यदि आपसे पूरी राशि निवेश नहीं हो सके, तो अनुपात में छूट मिलेगी। |
CGAS का उपयोग | यदि आप समय पर निवेश नहीं कर पाते, तो राशि को Capital Gains Account Scheme (CGAS) में जमा कर छूट का दावा किया जा सकता है। |
NRIs के लिए उपयोगी | शर्तों के सही पालन से Section 54F लाभ NRIs को भी मिल सकता है। |
चुनौतियाँ
Table of contents [Show] समयसीमा | यदि निवेश समय से न हो, छूट वापस ली जाएगी। |
अनुपात कर | यदि पूरी राशि का निवेश न हो सके, केवल उस हिस्से पर छूट मिलेगी — बचे लाभ पर कर देना होगा। |
पहले से मौजूद घर | यदि आप पहले से ही एक अन्य आवासीय संपत्ति के मालिक हों, तो 54F का लाभ नहीं मिल सकता। |
निर्माण में देरी | यदि निर्माण 3 वर्ष में नहीं हो, छूट वापस ली जा सकती है। |
उपयोग एवं दुरुपयोग
सदुपयोग | दुरुपयोग |
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धारा 54 से सर्वोत्तम लाभ
आयकर अधिनियम की धारा 54F एक महत्वपूर्ण लेकिन कम चर्चित प्रावधान है, जिसका आप सही उपयोग करें तो दीर्घकालिक पूँजी लाभ कर से काफी बचत हो सकती है। हालांकि इस प्रावधान की शर्तें कड़ी हैं और जाने अनजाने में दुरुपयोग का खतरा भी है। यदि आप
- निवेश की सावधानीपूर्वक योजना बनाएँ
- समयसीमा का ध्यान रखें
- शर्तें को पूरी तरह समझें
- और साथ ही में धाराएँ 54 और 54EC का सही संयोजन करें
तो आप 54F का संपूर्ण लाभ उठा सकते हैं।
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