इसके संस्थापक हैं Sonal Garg और Nitin Goel। उनका कहना है कि बनिया समुदाय एक दूसरे से व्यापार का अवसर नहीं साझा करते। उसी कमी को पूरा करने के लिए इस उन्होंने इस मंच की शुरुआत की। इसके प्रमुख उद्देश्य हैं:
- बनिया समुदाय के व्यापारियों, उद्यमियों, पेशेवरों को नेटवर्किंग का प्लेटफार्म देना;
- ज्ञान (knowledge) साझा करना, workshops और प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना;
- व्यवसाय बढ़ाने के लिए ब्रांडिंग के अवसर देना, बिज़नेस लिस्टिंग करवाना;
- सामुदायिक कल्याण और भाईचारा बढ़ाना।
प्रभाव (Impact)
- WBF ने कई बानिया उद्यमियों को एक दूसरे से जोड़ने में मदद की है, जिससे व्यापार के अवसर बढ़े हैं। उदाहरण के लिए, छोटे-बड़े ऑर्डर्स, ग्राहक, साझेदारियाँ आदि सामने आई हैं।
- प्रतिभागियों का कहना है कि उनके आत्मसम्मान और समुदाय-गौरव को बढ़ावा मिला है। लोगों को लगने लगा है कि “मैं बनिया हूँ और इसमें कोई शर्म की बात नहीं।”
- ज्ञान और कौशल (skills) साझा करने वाले आयोजन, कानूनी सलाह के सैंपल, templates आदि उपलब्ध कराए गए हैं ताकि व्यापार संबंधी समस्याओं में मदद हो सके।
- सामाजिक और आर्थिक नेटवर्किंग में वृद्धि हुई है, जिससे जानकारी, संसाधनों (resources), संपर्कों (contacts) का लाभ हो रहा है।
जाति-आधारित पहलों के प्रस (Pros) और विप्रस (Cons) क्या हैं?
पक्ष में तर्क:
समर्थन एवं अवसरों का सृजन | समुदाय के अंदर रहनसहन, खानपान इत्यादी में समानता हॊणे के कारण विश्वास कारक (trust factor) बढ़ता है, इसी कारण व्यापार सहयोग, निवेश, साझेदारी आदि बेहतर तरीके से संभव हो पाते हैं। |
नेटवर्किंग एवं ज्ञान साझा करना | अनुभव, संबंध, व्यापार की समझ आदि साझा करने से नवोद्यमियों (young entrepreneurs) को फायदा होता है। |
स्थानीय समाज की मजबूती | आर्थिक शक्ति और संगठित समुदाय की वजह से समाज में निर्णय-प्रक्रिया, सार्वजनिक आवाज आदि सशक्त होती है। |
विपक्ष में तर्क:
भेदभाव या अलगाव की संभावना | दूसरों को बाहर रखा जाना या “outsiders” के साथ सहयोग कम होना; जातीय विभाजन और भेदभाव हो सकता है। |
अवसरों में असमानता | यदि केवल एक समुदाय को विशेष प्लेटफार्म मिले, तो अन्य समुदायों को अवसरों की कमी महसूस हो सकती है। |
समाज में झूठी / एक-तरफा छवि | अनेक पूर्वाग्रह हो सकते हैं कि यह प्लेटफार्म सिर्फ “अपने लोगों को आगे बढ़ाने” के लिए है; नकारात्मक छवि भी बन सकती है। |
राजनीतिक या सामाजिक तनाव | जाति-आधारित पहलों से कभी-कभी राजनीति या सामाजिक संघर्ष बढ़ सकता है, विशेषकर जब सरकारी नीतियों या आरक्षणवाद आदि से जुड़े मुद्दे हों। |
संभावित अवैधता | यदि ऐसे मंचों को भेदभावपूर्ण या अनन्य माना जाए तो वे कानून का उल्लंघन कर सकते हैं। |
निष्कर्ष
World Baniya Forum एक सामाजिक-व्यापारिक पहल है जिसका उद्देश्य व्यापार व व्यवसाय प्राथमिक बनिया समुदाय को जोड़ना और उन्हें आर्थिक तथा सांस्कृतिक तौर पर सशक्त बनाना है। इसका असर सकारात्मक रहा है — नेटवर्किंग, व्यापार संबंधों में वृद्धि, आत्म-गौरव में सुधार आदि। लेकिन ऐसे जाति-आधारित प्लेटफार्मों के साथ यह सुनिश्चित होना चाहिए कि वे समाज को बाँटने की बजाय जोड़ें, और ऐसे ही अन्य समुदाय को भी नेटवर्किंग का लाभ उठाने में प्रोत्साहन दें।
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